नूतन वर्ष 2013

अभिनन्दन नूतन वर्ष की नवकिरणों का,
ऊषा में खेलती कोमल कोपलों का।
नववर्ष की केसरी नवप्रभात का,
शरद ऋतु के मध्म रवि-प्रताप का।

हर क्षण जीवन में उत्पन्न नव-उल्लास का,
आशाओं के सृजन और पूर्णता के एहसास का।

आज पुनः स्वयं से सबका नव-परिचय करवाती हूँ,
हर क्षण के लिए नवीन निश्चय बनाती हूँ।

आध्यात्म और आत्मज्ञान मार्ग-दर्शन कराएँगे ,
कहीं रह भटके कदम तो गुरुचरण मार्ग दिखाएँगे।

सत्य, अहिंसा, और शांति की होगी सद्रिड स्थापना,
उन्नतिपथ पर लगनशील, केवल इश्वर से होगी याचना।

उस परमब्रह्म से मिलन का निरन्तर होगा अभ्यास,
क्षणित ब्रह्मज्ञान का विचार भी जीवन में लाये हर्षोल्लास।

रंजिता शर्मा 

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